'रोजनामचा साहित्य' ख्वाबों का एक ऐसा सफर है जो इस हकीकत की दुनिया में रोजाना होने वाली घटनाओं से जुड़ा है। रोजाना कितनी ही चीजे होती हैं जिन्हे हम देखते हैं और आगे निकल जाते हैं उनपर सोचते नहीं, इसमें इन्ही कुछ विषयों पर विचार होंगे।
साथ ही साहित्य के विद्यार्थी होने के कारण साहित्य से सम्बंधित विषयों पर भी कई लेख होंगे। कुछ पुस्तकों के माध्यम से कुछ अपनी तर्कशक्ति, विचारों और मनोविज्ञान के माध्यम से। मेरा और मेरे इस ब्लॉग का परिचय केवल इतना ही है।
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