यूनानी भाषा में अरस्तु का वास्तविक नाम, अरिस्तोतेलेस है. उनकी प्रतिभा बहुमुखी थी. वे अनेक विधाओं के आचार्य थे. अरस्तु ने काव्य-कला को राजनीति तथा नीतिशास्त्र की परिधि में न देखकर सौन्दर्यशास्त्री की दृष्टि से देखा और उन्होंने कविता को दार्शनिक, राजनीतिज्ञ तथा नीतिशास्त्री के अत्याचार से मुक्त किया.
Note- अरस्तु के त्रासदी सिद्धांत पर
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