-शालू 'अनंत'
स्वच्छता अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को हमारे माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। देश भर में स्वच्छता अभियान के कई नारे लगे, कई बाते हुई पर आज ये बातें केवल बातें ही जान पड़ रही है। इसकी कोई गिनती नहीं है की अब तक कितने लोगों की जान जा चुकी है सीवर में सफाई करने जाने से। स्वच्छता अभियान की बातें बेमानी सी जान पड़ती है जब अख़बारों में ये पढ़ने को मिलता है की 'दिल्ली : बिना सुरक्षा इंतजामों के सीवर में उतार दिया, पांच मजदूरों की मौत'। यह तो केवल एक खबर है, न जाने कितने लोग इसी हफ्ते देश-भर में मर चुके है। क्या उनकी गलती ये है की वो साफ़ कर रहे थे दूसरो की फैलाई गंदगी को? या फिर ये गलती है की वो सफाई कर्मचारी है और अपने परिवार के लिए रूपए कामना चाहते है यह काम करके क्योंकि कोई और काम नहीं है उनके पास।